होमियो लिवर केअर
हमारे शरीर में लिवर ही एक मात्र ऐसा अंग है जो 250 ग्राम के हृदय से भी 10 गुना बड़ा और भारी लगभग 2.5 किलो का होता है, जिसे एक साथ कई कार्य करने का खिताब हासिल है, जैसे सबसे बड़ी ग्रंथी, दूसरा मस्तिष्क और तो और यदि लिवर के 80% हिस्से को काटकर अलग कर दिया जाए तो भी कुछ ही दिनों में यह फिर से अपने मूल रूप में आ जाता है, ऐसा सिर्फ लिवर के साथ ही संभव है। चूँकी लिवर तब भी कार्य करता रहता है जब आप सो रहे होते है साथ ही एक साथ कई तरह के कार्य एक साथ करने की क्षमता होने से त्वचा के बाद लिवर ही शरीर में सबसे बड़ा अंग होता है।
चूँकी लिवर शरीर में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमता रखता है अतः इसे दूसरा मस्तिष्क भी कहते है जो खाये गये भोजन व दवाईयों के पाचन के बाद उन्हें शरीर में कब और कितनी मात्रा में जाने देना चाहिए यह निर्णय शरीर के हित में स्वतंत्र रूप से लेता है। अक्सर आपने देखा होगा कि अधिक मात्रा में एंटिबायोटिक लेने पर दस्त लग जाते है, यह लिवर की सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत ही आता है कि एंटिबायोटिक की जो अधिक मात्रा शरीर के लिए हानिकारक थी उसे लिवर ने मल और मूत्र के साथ शरीर से बाहर कर दिया। अतः अंग्रेजी दवाईयों और अन्य अभक्ष्य खाते समय इस मेहनती चौकिदार की सेहत का खयाल रखना न भूले।
अतः आपके सजग प्रहरी मित्र, लिवर की सेहत को ध्यान में रखते हुए, हमने चुनी हुई होमियोपैथीक औषधियों के सुंदर समन्वय से तैयार किया है होमियो लिवर केअर सिरप यह एक ऐसा लिवर टॉनिक है जो अनुचित खान-पान तंम्बाखु, सिगरेट, शराब, मांस-मछली, चायनिज फूड आदि अभक्ष्य खाने) से लिवर में आयी विकृति, लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर, पीलिया, भूख न लगना, अपचन, गैस, एसिडिटी, पट्टे डकार आदि की वजह से होने वाली कब्ज जैसी अनेक समस्याओं को आसानी से हल करता है तथा लगातार कम से कम 10 दिनों तक इसका सेवन करने पर यह पाचन शक्ति और भूख को बढ़ाता है।
सेवन विधि : 1-1 चम्मच दिन में तीन से चार बार व बच्चों के लिए आधी मात्रा या चिकित्सक की सलाह अनुसार ।
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