जर्मन बायोकेमिस्ट और भौतिक विज्ञानी डॉ. शुसलर ने जैविक राख के विश्लेषण में पाया कि सभी प्राणियों के शरीरों की कोशिकाओं, तंतुओं और अंगों के मुख्य घटकों में 12 ऐसे विशेष खनिज लवण पाए जाते है जिनका शरीर में समुचित संतुलन बनाए रखना अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इस संतुलन में कोई भी कमी होनेपर जो स्थिति उत्पन्न होती है उसे ही रोग कहा जाता है। इस दशा में शरीर में कमी वाले लवणों (टिश्यु साल्ट) को शक्तिकृत रूप में खिलाने से ये टिश्यु साल्ट खुन के प्रवाह के साथ तेजी से कोशों में पहुँचकर स्वास्थ्य का सामान्य संतुलन पुर्नस्थापित कर देते हैं।
डॉ. शुसलर द्वारा आविष्कृत इस पद्धति को बायोकेमिक चिकित्सा पद्धति कहते है। इसमें टिश्यु साल्ट की कमी के आधार पर चिकित्सा की जाती है अतः इस पद्धति में एक से अधिक टिश्यु साल्ट मिश्रीत करके निम्न लिखित 28 प्रकार के विशेष कॉम्बिनेशन तैयार किये जाते है, जिन्हें सगर्भावस्था एवं स्तनपान कराने वाली माताओं, बच्चों, युवक-युवतियों एवं वृद्धों में सुरक्षित रूप से प्रयोग किया जा सकता है।
दैनिक जीवन में आनेवाले हर प्रकार के शारीरिक कष्टों को मात्र 28 प्रकार की बायोकैमिक कॉम्बिनेशन्स के द्वारा दूर किया जा सकता है । जिसकी संपूर्ण श्रृंखला (1-28) अब उपलब्ध है ।