शुभ संकल्प हो शीघ्र साकार, व्यसन मुक्ति के लिए क्यों सोच-विचार.......
नशा या व्यसन, जिसे एक जीर्ण (Chronic) मानसिक रोग भी कह सकते हैं, इसकी विशेषता यह है कि अनेक दुष्परिणामों के बावजूद व्यक्ति को मादक द्रव्यों की बाध्यकारी लत लग जाती है।
अक्सर लोग जीवन के तनाव, चिंता, अवसाद, क्रोम, बोरियत अनिद्रा, शारीरिक पीड़ा तथा विफलताओं से पीछा छुड़ाने के लिए या कई प्रकार के तथाकथित अलौकिक व आध्यात्मिक अनुभव के लिए भी मादक द्रव्यों का सहारा लेते हैं।
मादक द्रव्य उन पदार्थों को कहते है जिनके सेवन से थोड़े समय के लिए नशे व आनंद का अनुभव होता है, आत्मविश्वास बढ़ा हुआ महसूस होता है तथा शरीर उर्जा से भरा हुआ लगता है और लगातार सेवन करने से व्यक्ति उसका आदी बन जाता है।
इन दिनों समाज में कई प्रकार के मादक द्रव्यों का प्रचलन है जैसे -
1) अल्कोहल युक्त पदार्थ (विभिन्न प्रकार की शराब)
2) वानस्पतिक उत्पाद (तंबाकु, बीड़ी, भाँग, गाँजा, चरस, अफ्रीम, डोडा आदि)
3) वाष्पशील विलायक (volatile solvents) पेट्रोल, नेलपॉलिश रिमूवर, पेन्ट्स, ड्राई क्लीनींग सोल्यूशन आदि ।
4) डॉक्टरों द्वारा नींद, चिंता या तनाव के लिए लिखी दवाईयों का उपयोग भी कई बार मादक द्रव्यों के रूप में होता है।
मादक द्रव्यों के लगातार सेवन से रोगी के शरीर में कुछ विशेष लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिनके आधार पर यह जाना जा सकता है कि व्यक्ति इनका आदी हो चुका है। जैसेः- मादक द्रव्यों के सेवन की इच्छा प्रबल होना और बार-बार अधिक मात्रा में सेवन करना, सहनशक्ति का बढ़ना, रुचिकर कार्यों या गतिविधियों से विमुख होना, शारीरिक व मानसिक दुष्प्रभाव के बावजूद सेवन जारी रखना, विनिवर्तन लक्षण (withdrawal symptoms) जैसे हाथ-पैर व शरीर में कंपन, अनियमित बी. पी. अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बैचेनी, बदन में दर्द व भारीपन, भूख न लगना, मितली उल्टी आना, पेट का फूलना आदि।
नशे से व्यक्ति अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो सकता है जैसे कैंसर, लीवर सिरोसिस व पेट संबंधित बीमारी स्नायुतंत्र की कमजोरियाँ, याददास्त सेक्स व निद्रा संबंधी समस्याएँ तथा अनेक मानसिक बीमारियाँ जैसे उन्माद के दौरे पड़ना, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बेचैनी, अवसाद आदि का निरंतर अनुभव करने के साथ ही नशा करनेवाले व्यक्ति और उसके निकट संबंधियों का सामाजिक जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित होता है।
याद रखें, नशा एक जहर है, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट करता है, अतः आपको इससे बचने तथा इसका इलाज करने में देरी नहीं करनी चाहिए... इसीलिए प्रस्तुत है... हर प्रकार के नशे की लत तथा विनिवर्तन लक्षणों (withdrawal symptoms) को बिना किसी साइड इफेक्ट के छुडाने हेतु नशे से उत्पन्न शारीरिक व मानसिक कमजोरी को दूर करने हेतु होमियोपैथिक औषधियों के योग से निर्मित एक उपहार.... होमियो एडिक्ट केअर
दुर्व्यसनों से पिण्ड छुड़ाओ, जीवन अपना सुखी बनाओ....
सेवन विधि : 10-15 बूंद दिन में तीन बार आधा कप पानी में डालकर लत छूटने तक पीयें या चिकित्सक की सलाह अनुसार ।